ईएआई: स्थानीय भाषा में ई-मेल आईडी (मेरानाम@निक्सी.भारत)
ई-मेल पता अंतर्राष्ट्रीयकरण (ईएआई) वह प्रक्रिया है जो ई-मेल पतों के लिये गैर- आस्की (Non-ASCII) वर्णों के उपयोग की अनुमति देती है। जैसे कि हिंदी, मराठी, बांग्ला, गुजराती या तमिल आदि में उपयोग किये जाने वाले वर्ण । इनमें अंग्रेजी-आधारित ई-मेल पतों में परंपरा से उपयोग किए जाने वाले आस्की (ASCII) वर्ण भी शामिल हैं। यह लोगों को ई-मेल पते बनाने के लिए अपनी मूल भाषा और लिपि का उपयोग करने की अनुमति देता है, इससे उनके लिए ऑनलाइन संवाद करना आसान हो जाता है।
ईएआई ई-मेल पतों में गैर-आस्की(Non-ASCII) वर्णों का प्रतिनिधित्व करने के लिए यूनिकोड एन्कोडिंग मानक का उपयोग करता है। इसके लिये ई-मेल क्लाइंट और ई-मेल सर्वर- दोनों द्वारा ई-मेल प्रबंधन के तरीके में बदलाव की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए, ई-मेल क्लाइंट को उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस में गैर-आस्की(Non-ASCII) वर्णों को प्रदर्शित करने और ई-मेल सर्वर को गैर-आस्की(Non-ASCII) पतों को सही ढंग से संसाधित कर संदेशों को सही गंतव्य पर अग्रेषित करने में सक्षम होने की आवश्यकता होती है।
ऐसे कई तकनीकी मानक हैं जिन्हें ईएआई का समर्थन करने के लिए विकसित किया गया है। इनमें SMTPUTF8 शामिल है, जो सरल मेल स्थानांतरण प्रोटोकॉल (एसएमटीपी/SMTP) और IDNA2008 का उपयोग करके गैर-आस्की(Non-ASCII) वर्णों वाले ई-मेल पतों को भेजे जाने की अनुमति देता है। जो कि गैर-आस्की(Non-ASCII) वर्णों वाले डोमेन नामों को इंटरनेट द्वारा उपयोग किए जाने वाले आस्की(ASCII)-आधारित डोमेन नाम प्रणाली (DNS) में अनूदित किये जाने की अनुमति भी प्रदान करता है ।